
मनरेगा के कार्यों में पारदर्शिता के लिए व्हाट्स ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें ग्राम प्रधान, सांसद, विधायक, एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा। इस ग्रुप में 20 से अधिक मजदूरों वाले कार्यस्थल का मस्टरोल भी साझा किया जाएगा ताकि कार्यों की निगरानी हो सके।
जिले में 2.50 लाख मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं। मनरेगा के कार्यों में समय-समय पर गड़बड़ी और घोटाले के आरोप लगते रहते हैं। इसी के चलते कार्यों में पारदर्शिता व निगरानी के उद्देश्य से व्हाट्स ग्रुप बनाया जाएगा। यह ग्रुप ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत सहायक व रोजगार सेवक के स्तर से बनाया जाएगा, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख और विपक्षी को जोड़ा जाएगा। इनके अलावा, विधायक, एमएलसी व सांसद के मोबाइल नंबरों को भी जोड़ा जाएगा। ग्रुप में मजदूरों की फोटो व 20 से अधिक मजदूरों वाले कार्यस्थल के मस्टरोल भी साझा किए जाएंगे। मनरेगा उपायुक्त भालचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि शासन स्तर से मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए व्हाट्स एप ग्रुप बनाने का आदेश दिया गया है।
मनरेगा के कार्यों में पारदर्शिता के लिए व्हाट्स ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें ग्राम प्रधान, सांसद, विधायक, एमएलसी, जिला पंचायत अध्यक्ष समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को जोड़ा जाएगा। इस ग्रुप में 20 से अधिक मजदूरों वाले कार्यस्थल का मस्टरोल भी साझा किया जाएगा ताकि कार्यों की निगरानी हो सके।
जिले में 2.50 लाख मनरेगा मजदूर पंजीकृत हैं। मनरेगा के कार्यों में समय-समय पर गड़बड़ी और घोटाले के आरोप लगते रहते हैं। इसी के चलते कार्यों में पारदर्शिता व निगरानी के उद्देश्य से व्हाट्स ग्रुप बनाया जाएगा। यह ग्रुप ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सचिव, पंचायत सहायक व रोजगार सेवक के स्तर से बनाया जाएगा, जिसमें जिला पंचायत अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य, ब्लॉक प्रमुख और विपक्षी को जोड़ा जाएगा। इनके अलावा, विधायक, एमएलसी व सांसद के मोबाइल नंबरों को भी जोड़ा जाएगा। ग्रुप में मजदूरों की फोटो व 20 से अधिक मजदूरों वाले कार्यस्थल के मस्टरोल भी साझा किए जाएंगे। मनरेगा उपायुक्त भालचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि शासन स्तर से मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए व्हाट्स एप ग्रुप बनाने का आदेश दिया गया है। विज्ञापन
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