
शहर के 39 मोहल्ले और देहात क्षेत्र के 104 गांव डेंगू और मलेरिया के लिए अति संवेदनशील घोषित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के स्तर से इनकी सूची नगर निगम, जिलाधिकारी, कमिशभनर और जिला पंचायत राज अधिकारी को भेजकर यहां जलजमाव खत्म कराने और साफ-सफाई कराने की सिफारिश कर अपने दायित्व की इतिश्री कर ली गई है।
बानगी के तौर पर हम अगर शहर के इन संवेदनशील इलाकों पर गौर करें तो यहां पर गंदगी और जलजमाव का आलम ये है कि मच्छर अपना असर दिखाने लगे हैं। कमोबेश यही स्थिति ग्रामीण अंचल के हैं। ऐसे हालात में लोग फिर डेंगू और मलेरिया की बीमारी झेलेंगे।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले के 104 गांव और 39 मोहल्ले पिछले वर्ष के हालात, इन इलाकों में गंदगी और जलजमाव को लेकर संवेदनशील घोषित किए हैं। नियम के अनुसार, गांवों में प्रधान के द्वारा और शहरी क्षेत्र में नगर निगम के द्वारा सफाई व एंटी लार्वा दवा छिड़काव किया जाना है। स्वास्थ्य विभाग की हिदायत के बाद अभी तक कहीं कोई ऐसी तैयारी नहीं दिख रही है।
शाम को शहरी आबादी में खुले में बैठना और रात को खुले में सोना मुश्किल हो रहा है। अभी तो बारिश की शुरुआत भी नहीं हुई। अगर बारिश के मौसम में क्या हाल होगा, खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
शहर के कुंवर नगर, महेंद्र नगर, डोरी नगर, पला साहिबाबाद, आगरा रोड, मथुरा रोड, तुर्कमान गेट, नगला मसानी, इंदिरा नगर, खैर रोड, शाहजमाल, जमालपुर, जलालपुर, जीवनगढ़, क्वार्सी बाईपास के देवी नगला कयामपुर के इर्द-गिर्द के इलाकों में गंदगी-जलजमाव से हालात बदतर हैं।
नाला सफाई के नाम पर हटवाई घास फूस
नगर निगम ने हाल ही में क्वार्सी बाईपास नाले की सफाई कराई है। उसमें सिर्फ झाड़ियां और पेड़ पौधे आदि कटवा दिए गए हैं। सफाई के नाम पर नाले में गंदगी इस कदर है कि उसके किनारे से निकलने पर खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है। इसी तरह कुंवर नगर, महेंद्र नगर, आगरा रोड, इंदिरा नगर, नगला मसानी आदि इलाकों में गंदगी का हाल है।
ये है जरूरी
जुलाई से मच्छर जनित डेंगू और मलेरिया फैलने का अंदेशा रहता है। इससे पहले इलाकों में साफ-सफाई, जलजमाव हटाना, एंटी लार्वा दवा का छिड़काव करना जरूरी रहता है। इसके बाद स्वस्थ्य टीम की निगरानी रहती है। अगर कहीं बीमारी फैलती है तो मॉनिटरिंग कर इलाज कराया जाता है। लोगों को साफ-सफाई के लिए जागरूक किया जाता है। पिछले वर्ष प्रभावित रहे इलाकों, गंगा व यमुना के करीब के इलाकों, नहरों, नालों, रजवाहों के पास के क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है। चेतावनी दी जाती है कि डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए सफाई विशेष जरूरी है।
12 सीएचसी से जुड़े 104 गांव हैं संवेदनशील
– अकराबाद के पिलखना, नानऊ, कौड़ियागंज, शाहगढ़, दुभिया बंजारा, कटहरा, टुआमई, खेड़ा नारायन सिंह, रामनगर। छर्रा के दतावली, बरला, चांदगढ़ी, नगला मोहन, जजाथल, सतरापुर, उदयपुर, मूढ़ैल, सलगवां। बिजौली के सांकरा, गोपालपुर, दीनापुर, सीसई, टोड़रपुर, हरनोठ। हरदुआगंज के कुंवरनगर, सिहोर, बुढ़ांसी, जलाली, धनीपुर, माछुआ, बरौठा, कलाई, अधौन। अतरौली के चौमुआं, भवीगढ़, मढ़ौली, मीरगढ़ी, अहमदपुरा, खेड़िया, बहादुरगढ़ी, विधिपुर, गांव खेड़ा। जवां के बरौली, जवां, अमरौली, गोधा, तालिबनगर। चंडौस के रामपुर, शाहपुर, नगला पदम, जहराना, ओगीपुर, जामुनका, अजना, सुकेसपुर। गोंडा के दहोड़ा, कूबरा, अमरपुर घाना, भड़ीरा-1, भड़ीरा-2, छोटी बल्लम, सरताज नगला। लोधा के सारसौल, मडराक, नीवरी, क्वार्सी, जलालपुर, रोरावर, महरावल, इलियासपुर, तालसपुर खुर्द, नादा बाजिदपुर। इगलास के नगला गोपाल, विशनपुर, रायतपुर, भुरंगा, गढ़ी पिथौर, बलीपुर, गिदौली, महुआ, करथला, मिर्जापुर, भौरा-गौरवा। खैर के लक्ष्मण गढ़ी, मानपुर खुर्द, राइट, महगौरा, दीवा, राजपुर, उसरम, अंडला, जरारा, ऐंचना, सहरोई। टप्पल के स्यारौल, घरबरा, ताहरपुर, मादक, मालव, जरतौली, बैना, जरेलिया, जैदपुरा, उटवारा।
शहर के ये मोहल्ले हैं संवेदनशील
– जमालपुर, पला साहिबाबाद, मौलाना आजाद नगर, कुंवरनगर, तुर्कमान गेट, गूलर रोड, आगरा रोड, इंदिरा नगर, एटा बाईपास का क्वार्सी तक का इलाका, डोरी नगर, भुजपुरा, एलमपुर, नौरंगाबाद, जीवनगढ़, शाहजमाल, खैर रोड, नगला मसानी, हजीरा आदि व इनसे सटे इलाके।
पिछले वर्ष की स्थिति
– 192 मलेरिया केस हुए थे चिह्नित
– 1407 डेंगू के केस मिले थे जिले में
बारिश के मौसम में बीमारियों से जूझना पड़ता है
– हमारे इलाके का हाल बदहाल है। इसका अंदाजा यहां रहकर ही लगाया जा सकता है। बारिश के दिनों में ऐसा लगता है, जैसे गंदगी और मच्छरों का जाल बिछा हो। नाला पटाव ही इस समस्या का हल है। – पवन शर्मा, एटा चुंगी
– यहां पर साल भर मच्छरों का प्रकोप रहता है। कुछ राहत ठंड के दिनों में मिलती है। बारिश के मौसम में बीमारियों से हर बार जूझना पड़ता है। इस समस्या का हल किसी भी स्तर से नहीं कराया जा रहा है। – नीता देवी, एटा चुंगी बाईपास
– यहां जीवन यापन करने वाले लोग मानों शहर का हिस्सा नहीं हैं। बारिश के दिनों में बीमारी घर-घर फैलती है। निगरानी की व्यवस्था नहीं है और न समाधान का कोई इंतजाम है। खुद ही अपना बचाव करना पड़ता है। – प्रेमवीर शर्मा, कुंवरनगर
– मच्छरों का आतंक रहता है। बाईपास का नाला पटने तक ये समस्या रहेगी। हर बार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इसके पाटने की बात कहते हैं। इस समस्या का स्थायी समाधान होना जरूरी है। – दिलीप कुमार, देवी नगला
ग्राम प्रधान बोले, हम बीमारी की रोकथाम के लिए हैं तैयार
– अभी इस बाबत कोई सरकारी आदेश तो नहीं मिला है, फिर भी हम अपने स्तर से ब्लॉक और सीएचसी कर्मियों के सहयोग से इसके लिए पूरी तैयारी करके चल रहे हैं। – अमित कुमार, प्रधान गांवखेड़ा, अतरौली
– अभी इस तरह का कोई आदेश तो नहीं मिला है, मगर गांव में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। किसी तरह की बीमारी न फैले इस पर भी ध्यान दिया जा रहा है। – पिंकी देवी, प्रधान लक्ष्मणगढ़ी, खैर
– गांव में हमारे स्तर से हर इंतजाम पर पूरा ध्यान है। स्वास्थ्य विभाग की टीमों का भी सहयोग मिल रहा है। किसी तरह की दिक्कत न हो, इस बात का पूरा ध्यान है। – प्रशांत शर्मा, प्रधान महरावल, लोधा
– गांव में सफाई, गंदगी को लेकर विशेष ध्यान दिया जाता है। अभी कोई आदेश तो नहीं मिला है। मगर प्रयास है कि गांव में किसी तरह की बीमारी पैर न पसारे। – ओमवती देवी, प्रधान जहराना, टप्पल
डेंगू और मलेरिया के मरीजों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग
डेंगू और मलेरिया के मरीजों की पहचान और उपचार के लिए सीएस प्रो एप तैयार किया गया है, जिससे रियल टाइम पर मरीजों का आंकड़ा एप पर उपलब्ध होगा। डाटा उपलब्ध होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की आरआरटी टीम उन्हें मदद पहुंचाएगी। इस एप से प्रदेश स्तर पर मरीजों की मॉनिटरिंग की जाएगी।
– नई व्यवस्था रियल टाइम मॉनीटरिंग व फालोअप पर आधारित है। इसके लिए सीएस-प्रो एप लांच किया है, जिससे जिला मलेरिया अधिकारी व समस्त मलेरिया निरीक्षक जुड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लार्वा की स्थिति की जानकारी पोर्टल पर दर्ज की जाएगी। जिला स्तरीय अस्पतालों के सीएमएस, सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक व पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को पोर्टल के माध्यम से अपने क्षेत्र में तुरंत लार्वारोधी क्षेत्रों का पता चल जाएगा। ब्लॉक स्तर पर गठित रैपिड रिस्पांस टीम उसी दिन मौके पर पहुंचकर लार्वा रोधी कार्रवाई करेगी। रहा सवाल पहले से व्यवस्थाओं का तो इसको लेकर नगर निगम व डीपीआरओ को पत्र लिखकर सफाई के लिए कहा गया है।
– डॉ. राहुल कुलश्रेष्ठ, जिला मलेरिया अधिकारी
– मच्छर जनित रोगों की रोकथाम के लिए गांव में सप्ताह भर तक विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा। एंटी लार्वा दवा का छिड़काव भी कराया जाएगा और फागिंग भी कराई जाएगी।
– धनंजय जायसवाल, डीपीआरओ